अनुसंधान
नैनोमापक्रम पर, पदार्थ का आचरण, आमाप एवं आकार के आधार पर अलग होता है। दूसरी ओर मृदु होने के कारण, सापेक्षतया दीर्घतर लम्बाई मापक्रम पर परस्परक्रियाओं के लिए तैयार होते हुए और नैनो एवं मृदु का संयोजन, अनिवार्यतया व्यापक पदार्थ के गुणधर्मों पर, चाहे वह इलेक्ट्रानिक हो, प्रकाशिक हो, चुम्बकीय हो, यांत्रिक हो अथवा रियोलाजिकल हो, समग्र नियंत्रण को निरूपित करता है। अतएव, केंद्र के अनुसंधान क्रियाकलाप नूतन संश्लिष्ट विधाओं, पदार्थ गुणधर्मों के दक्षप्रयोग एवं नियंत्रण के द्वारा नैनोसामग्रियों को तैयार करने एवं उनके उन्नयन एवं आदिप्ररूपण के द्वारा उन्हें समर्थ उत्पादों में रूपांतरित करने पर केंद्रित हैं। केंद्र के अनुसंधायक सामग्रियों के विस्तृत स्वरूप को निर्धारित करने एवं वैज्ञानिक क्रियाकलापों की परिधि को बढाने के लिए एकसाथ काम कर रहे हैं। यह सहयोग भारत तथा विदेश के अन्य वैज्ञानिक समूहों तक विस्तरित है, फलस्वरूप ज्ञान का प्रसरण और महत्वपूर्ण लेखों का प्रकाशन संभव हुआ है।